राधे राधे कहा कीजिए-चित्र विचित्र 

राधे राधे कहा कीजिए
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( श्री, राधा राधा रटो,
छोड़, जगत की आस ।
ब्रज, विपिन विचरत रहो.
कर, वृन्दावन वास ॥ )

राधे राधे, कहा कीजिए ॥
बैठे, चुप ना, रहा कीजिए ॥
राधे राधे, कहा कीजिए ॥

गर, आ ही गए हो तुम,
बैठे हो, कीर्तन में ।
फिर लाज़, शर्म कैसी,
क्या दुविधा, में है मन ॥
मौका है, गुनगुना लीजिए ॥
राधे राधे, कहा कीजिए...

श्री नाम, रसामृत का,
जिसने, रस पान किया ।
श्यामा, प्यारी जु ने,
उसका, कल्याण किया ॥
प्याला, मुख से, लगा लीजिए ॥
राधे राधे, कहा कीजिए...

ये कृष्ण, प्रिया राधे,
कर दे जो, कृपा दृष्टि ।
सब जानो, जीवन में,
आनंद, की हो वृष्टि ॥
दर्द, दिल का, सुना लीजिए ॥
राधे राधे, कहा कीजिए...

यहाँ, शांत, पुष्प इनकी,
भक्ति के, खिलते है ।
श्री, राधा, जी के संग,
उन्हें, कृष्ण भी मिलते हैं ॥
छवि, दिल में, बसा लीजिए ॥
राधे राधे, कहा कीजिए...

अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल
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