छीन ले हस के सब का ये मन

छीन ले हस के सब का ये मन सखी री मेरो राधा रमण,

मुखड़े को देख कोटि चन्दा लजाए,
गुंगराली लटके घटाए वारी जाए,
आके जादू भरे दो नैन सखी री मेरो राधा रमण,
छीन ले हस के सब का ये मन सखी री मेरो राधा रमण,

पतली कमर किन्तु अंग है रथिले,
अधरों पे अमृत है नैना नशीले,
थोरा बचपन है थोरा योवन सखी री मेरो राधा रमन,
छीन ले हस के सब का ये मन सखी री मेरो राधा रमण,
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