मत दे बीरा माता को दोष

मत दे रे बीरा माता को दोष
करमा की रेखा न्यारी न्यारी रे,

एक माई के बेटा चार,
चारो की रेखा न्यारी न्यारी रे,
एक तो बण्यो रे थानेदार,
दुजो तो हल हॉकतो फिरे,
तीजो गयो सेवादार
चोथो तो गद्दी राज करे....

एक गाय के बछडा चार
चारो की रेखा न्यारी न्यारी रे
एक तो बण्यो रे बढीयॉ सॉड
दुजो तो हल हॉकतो फिरे
तीजो गयो रे घाणी माही
चोथो तो शंकर नाडियो बणे ।।

एक बेल के तुम्बा चार
चारो की रेखा न्यारी न्यारी रे
एक तो बण्यो रे बढीया सॉज
दुजो तो बस्ती मागतो फिरे
तीजो गयो रे साधु संग
चाथो तो गंगा स्नान करे।।

रसीद मयूर (राधे मयूर) इटावा राजस्थान
9785090030,9672602462
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