तुम मुझे यूं जला न पाओगे

स्थाई- तुम मुझे यूं जला ना पाओगे-2
        जली लंका मेरी जला मैं भी तुम भी एक दिन जलाए
        जाओगे !!

(1).  जब भी जुल्मों की कोई बात चली हिर्नाकश्यप कंस
       शिशुपाल बली।
       मेरा हर वर्ष जलाते पुतला इनके पुतले तुम कब जलाओगे।
        तुम मुझे यूं.....

(2).  मेने सीता हरी हरी के लिए राक्षस कुल की बेहतरी के
      लिए।
      मेने प्रभु को रुलाया है वन-वन तुम प्रभु को रुला न पाओगे।।
       तुम मुझे यूं.....

(4). आज रावण से राम डरते हैं लक्ष्मण सीता हरण खुद करते है।
      आज घर घर में छुपा है रावण आग किस किस को तुम
       लगाओगे॥

(3). सीता हरना तो एक बहाना था मुझको तो राम दरस पाना था।-2
      मैंने मरकर भी राम को पाया है ,तुम ना जी कर भी राम पाओगे  ॥
      तुम मुझे यूं जला ना पाओगे।
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