करुणानिधान रउवाँ जगत के दाता हईं

अरे, करुणा निधान रउँवा,
जगत के दाता हई,
करूँणा निधान रउँवा,
जगत के दाता हई,
श्री भगवान रउवा,
जगत के दाता हई.......

मती के फेर देनी,
विपत के टेर देनी
के बा समान रउँवा,
जगत के दाता हई,
करूँणा निधान रउँवा,
जगत के दाता हई,
श्री भगवान रउवा,
जगत के दाता हई......

ग्राह के मार दिहनि,
गज के उबार लिहनी,
ग्राह के मार देहनी,
गज के उबार लेहनी,
जाने जहान जगत के दाता हई,
जगत के दाता हई,
करूँणा निधान रउँवा,
जगत के दाता हई,
श्री भगवान रउवा,
जगत के दाता हई......

भक्त विदुर घर गयीनी,
प्रेम से सगवे खयीनी,
छोड़ के पकवान रउवा,
जगत के दाता हई,
करूँणा निधान रउँवा,
जगत के दाता हई,
श्री भगवान रउवा,
जगत के दाता हई......

केवट से चरण धोवावनी,
गीधपति हीए लगवनी,
जाने जहाँन रउवा,
जगत के दाता हई,
करूँणा निधान रउँवा,
जगत के दाता हई,
श्री भगवान रउवा,
जगत के दाता हई......

मैयां शबरी घर गईनी,
झूठे बेरन के खईनी,
करके बखान रउवा,
जगत के दाता हई,
करुणा निधान रउवा,
जगत के दाता हई,
करूँणा निधान रउँवा,
जगत के दाता हई,
श्री भगवान रउवा,
जगत के दाता हई.......

गावेले ले दास गायत्री,
खीच के तीन गो चिक्री,
कईनी बुद्धिमान रउवा,
जगत के दाता हई,
करूँणा निधान रउँवा,
जगत के दाता हई,
श्री भगवान रउवा,
जगत के दाता हई......
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