चली चली रे भक्तो की टोली चली रे

चली चली रे भक्तो की टोली चली रे,
लेके हाथों में निशान,
धर के श्याम जी का ध्यान,
सारे भक्तो को लगे बड़ी भली रे,
चली चली रे भक्तो की टोली चली रे॥

बाबा श्याम का बुलावा आया,
भक्तो ने रंग जमाया,
उठी मन में उमंग,
जैसे जल में तरंग,
खिली सब के ही मन की कली रे,
चली चली रे भक्तो की टोलि चली रे,
लेके हाथों में निशान,
धर के श्याम जी का ध्यान,
सारे भक्तो को लगे बड़ी भली रे,
चली चली रे भक्तो की टोली चली रे॥


फागुन की बहार है आई,
मस्ती मतवाली छाई,
नाचे कोई छम छम,
भूल करके सारे गम,
कोई घूमर घाले प्यार रंगीली रे,
चली चली रे भक्तो की टोलि चली रे,
लेके हाथों में निशान,
धर के श्याम जी का ध्यान,
सारे भक्तो को लगे बड़ी भली रे,
चली चली रे भक्तो की टोली चली रे॥


कोई श्याम का श्रृंगार सजावे,
कोई बाबा को इत्र लगावे,
मेवा कोई ले आया,
खीर चूरमा बनाया,
कोई बांटे मिश्री की डली रे,
चली चली रे भक्तो की टोलि चली रे,
लेके हाथों में निशान,
धर के श्याम जी का ध्यान,
सारे भक्तो को लगे बड़ी भली रे,
चली चली रे भक्तो की टोली चली रे॥


हम तेरी शरण में आए,
तेरी जय जयकार लगाए,
बाबा दर्श दिखा,
सोया भाग जगा,
श्याम सुन्दर नाम तेरा महाबली रे,
चली चली रे भक्तो की टोलि चली रे,
लेके हाथों में निशान,
धर के श्याम जी का ध्यान,
सारे भक्तो को लगे बड़ी भली रे,
चली चली रे भक्तो की टोली चली रे॥

चली चली रे भक्तो की टोली चली रे,
लेके हाथों में निशान,
धर के श्याम जी का ध्यान,
सारे भक्तो को लगे बड़ी भली रे,
चली चली रे भक्तो की टोली चली रे॥

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