अगर हनुमान नहीं होते

हनुमान नहीं होते अगर हनुमान नहीं होते,
हनुमान नहीं होते अगर हनुमान नहीं होते,
चाहे कुछ भी कहो मेरे राम तुम्हारे काम नहीं होते......

तुम्हारा भक्त है सच्चा तुम्हारा दीवाना है
तेरे चरणों में प्रभु जी इनका ठिकाना है
ये भक्त नहीं होते तो तुम भगवान नहीं होते,
हनुमान नहीं होते अगर हनुमान नहीं होते,
हनुमान नहीं होते अगर हनुमान नहीं होते,
चाहे कुछ भी कहो मेरे राम तुम्हारे काम नहीं होते.....

ओढ़कर फिरता है यह तुम्हारे नाम की चादर
तेरे चरणों में बैठे हमेशा सर को झुका कर
ये देता नहीं तेरा साथ तेरे गुणगान नहीं होते,
हनुमान नहीं होते अगर हनुमान नहीं होते,
हनुमान नहीं होते अगर हनुमान नहीं होते,
चाहे कुछ भी कहो मेरे राम तुम्हारे काम नहीं होते....

बिछुड़ जाते सीते से बिछुड़ जाते हैं भैया से,
कैसे मुख दिखलाते तुम अयोध्या में मैया से,
यह काम बड़े मुश्किल कभी आसान नहीं होता,
हनुमान नहीं होते अगर हनुमान नहीं होते,
हनुमान नहीं होते अगर हनुमान नहीं होते,
चाहे कुछ भी कहो मेरे राम तुम्हारे काम नहीं होते......

तेरे रघुकुल की कहावत आज भी दोहराते हैं
तेरे झंडे बनवारी आज भी लहराते हैं
रघुकुल रीत सदा चली आई,
प्राण जाए पर वचन न जाए,
माता कौशल्या को हे राम आप ने वचन दिया,
जब वन से लौटूंगा तो सीता को साथ लाऊंगा,
लक्ष्मण भैया को साथ लाऊंगा,
लेकिन हे राम अगर हनुमान नहीं होते,
तो न लक्ष्मण वापस आते ना सीता वापस आती……

तेरे रघुकुल की कहावत आज भी दोहराते हैं
तेरे झंडे बनवारी आज भी लहराते हैं,
ये होता नहीं इसके अगर एहसान नहीं होते,
हनुमान नहीं होते अगर हनुमान नहीं होते,
हनुमान नहीं होते अगर हनुमान नहीं होते,
चाहे कुछ भी कहो मेरे राम तुम्हारे काम नहीं होते......
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