करो चाहे लाख चतुराई उसी घर सबको जाना है

करो चाहे लाख चतुराई उसी घर सबको जाना है....

बना एक कांच का मंदिर उसी में भगवान रहते हैं,
लिए हैं पेन और कागज सभी की तकदीर लिखते हैं,
करो चाहे लाख चतुराई उसी घर सबको जाना है.....

लड़कपन खेल में खोया जवानी नींद भर सोया,
बुढ़ापा देखकर रोया उसी घर सबको जाना है,
करो चाहे लाख चतुराई उसी घर सबको जाना है......

वो टूटी आम से डाली रोया बाग़ का माली,
बगीचा हो गया खाली उसी घर सबको जाना है,
करो चाहे लाख चतुराई उसी घर सबको जाना है......

पलंग के चार हैं पाए विधाता लेने को आए,
खुशी से लेे चलो भाई रोएंगे बहन और भाई,
करो चाहे लाख चतुराई उसी घर सबको जाना है......
श्रेणी
download bhajan lyrics (1065 downloads)