जीव जंतु और पशु पखेरु

जीव जंतु और पशु पखेरु नाचे दुनिया सारी,
नाचन में के दोष बताया याते अक्कल की होशियारी....

पहलम झटके ब्रह्मा नाचया, रची सृष्टि आके,
गोरा आगे शिवजी नाचता, पी गया भांग घुटाके,
शिल तिथि पे नारद नाचया, मुंह बन्दर का बनाके,
पंचवटी में रावण नाचता, ले गया सिया चुराके
नाच-नाच के इस दुनिया में या रची सृष्टि सारी,
नाचन में के दोष बताया.....

हेरे वन के अन्दर शेर नाचता, फिरें घुमता हाथी,
छत के ऊपर मोर नाचता किसी पंख खुल जाती,
रीछ और बन्दर भालु नाचे,खोल दिखादे छाती,
छम छम छम घोड़ी नाचे जिसपे सजै बराती,
कुएं बीच कबुतर नाचे लगे गुटर गूं प्यारी,
नाचन में के दोष बताया.....

विराट देश में अर्जुन नाचता, करा नाच और गाना,
गोपनिया में कृष्ण नाचया, करके भेष जनाना,
काठमांडू में आल्हा नाचया, करा नठो का बाना,
धरती अम्बर दोनों नाचे, होजा महै बरसाना,
नाच-नाच काठमांडू दोडी-2 या ब्याहली राज दुलारी,
नाचन में के दोष बताया.....

नाच नाच के दीपचंद ब्रहामण, सदा व्रत खुलवाग्या,
नाच नाच के पाचे नाई, दुनिया में नाम कमाग्या,
नाच नाच के मांग्हे ब्रहामण, कुआं जोहड़ खुदाग्या,
नाच नाच के श्री लख्मीचंद दुनिया में नाम कमाग्या,
कहे श्री छंडु डेरे आले-2 क्या से खता हमारी,
नाचन में के दोष बताया.....
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