पिंजरे के पंछी रे, 
तेरा दर्द ना जाणे कोए,
तेरा दर्द ना जाणे कोए ॥
कह ना सके तू, 
अपनी कहानी, 
तेरी भी पंछी, 
क्या जिंदगानी  रे, 
विधि ने तेरी कथा लिखी है, 
आँसू में कलम डुबोय,
तेरा दर्द ना जाणे कोए ॥ 
चुपके चुपके, 
रोने वाले, 
छुपाके रखना, 
दिल के छाले रे, 
ये पत्थर का देश हैं पगले, 
यहाँ कोई ना तेरा होय,
तेरा दर्द ना जाणे कोए ॥ 
पिंजरे के पंछी रे, 
तेरा दर्द ना जाणे कोए,
तेरा दर्द ना जाणे कोए ॥ 
" मंजीत सिंह "
पैड प्लेयर= 9887203444
फ्रॉम =अजमेर राजस्थान