दरबार मिला मुझको जो श्याम तुम्हारा है

दरबार मिला मुझको जो श्याम तुम्हारा है,
ये कर्म ना थे मेरे अहसान तुम्हारा है,
दरबार मिला मुझकों जो श्याम तुम्हारा है……

कल दिन थे गरीबी के अब रोज दिवाली है,
किस्मत ये नहीं मेरी वरदान तुम्हारा है,
दरबार मिला मुझकों जो श्याम तुम्हारा है……….

ठुकराने वालों ने पलकों पे बिठाया है,
ये शान नहीं मेरी सम्मान तुम्हारा है,
दरबार मिला मुझकों जो श्याम तुम्हारा है…….

एक वक्त के मारे ने किस्मत को हरा डाला,
औकात न थी मेरी ये काम तुम्हारा है,
दरबार मिला मुझकों जो श्याम तुम्हारा है……

निर्बल को अपनाना निर्धन के घर जाना,
ये शौक नहीं तेरा ये विधान तुम्हारा है,
दरबार मिला मुझकों जो श्याम तुम्हारा है…..

रोते को हँसता तू गिरते को उठाता तू,
सोनू तभी दीनदयाल पड़ा नाम तुम्हारा है,
दरबार मिला मुझकों जो श्याम तुम्हारा है…….
download bhajan lyrics (265 downloads)