शिवजी बिहाने चले

शिवजी बिहाने चले पालकी सजाईके,
भभूति रमाय के हो राम,
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाय के घोडा दौडाई के हो राम....

विष्णु जी और लक्ष्मी जी तो,
गरुड़ के ऊपर चढ़ आये,
दाड़ी वाले ब्रम्हा जी तो,
हंस सवारी ले आये,
बड़ी शान से इन्द्र आये,
एरावत लेके हाथी,
भैसे पे यमराज विराजे,
और यमदूत सभी साथी,
मस्ती में हरी गुण गाते,
नारद जी खुशी मनाते,
शंकर के बने बाराती विणा बजायी के,
चारो को सजाई के हो राम,
शिवजी बिहाने चले पालकी सजाईके,
भभूति रमाय के हो राम....

मस्तक पर है त्रिलोचन और,
दूध सा चन्द्र विराज रहा,
डमडम डमरू बाज रहा,
और त्रिशूल हाथ में साज रहा,
भोले बाबा को पहनाये,
नर मुंडो कि नित माला,
बाघम्बर के खाल ओढ़ाये,
और कंधे पर मृग छाला,
गंगा कि धारा बहती,
कल कल कल कल कहती,
बुरी नजर से इनको,
रखना बचायी के हो राम,
शिवजी बिहाने चले पालकी सजाईके,
भभूति रमाय के हो राम....
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