अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना,
तुम्हारी लाडली सीता हुई बेहाल कह देना.....

जब से लंका में आई हूं नहीं श्रंगार कीना है,
नहीं बांधे अभी तक जो खुले हैं बाल कह देना,
अयोध्या नाथ से जाकर.....

यहां रावण सदा धमकी हमें दिन-रात देता है,
करो तलवार के टुकडे अंजनी लाल कह देना,
अयोध्या नाथ से जाकर.....

अंगूठी राम को देकर सुनाना हाल सब दिल का,
भूले हैं राम सीता को पवनसुत हाल कह देना,
अयोध्या नाथ से जाकर....

अगर कोई दोष है मेरा तो इतना है मेरे स्वामी,
प्राण ना निकले हैं तन से यह मेरा हाल कह देना,
अयोध्या नाथ से जाकर......

अगर एक मास के अंदर प्रभु श्री राम ना आए,
तो सीता को ना प्रभु पाए मेरी फरियाद कह देना,
अयोध्या नाथ से जाकर......
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