हे जगत जननी मेरे दुःख मिटा दो माँ

हे जगत जननी मेरे भी दुःख मिटा दो माँ,
माँ की ममता कैसे पाऊं तुम बता दो माँ....

माँ के जैसा प्यार ना जाने कब मैं तुमसे पाऊं,
काम नही कुछ भी है मुझको बस माँ तुम जो ध्याऊँ,
माँ कभी दरबार अपने मुझे बुलालो ना,
हे जगत जननी मेरे दुःख मिटा दो माँ,
माँ की ममता कैसे पाऊं तुम बता दो माँ....

मुझको जो ना बुलाओ तो तुम घर मेरे आ जाओ,
अपने बेटे पर भी मैया भर भर प्यार लुटाओ,
मुझको भी सबके जैसे ही अपना बनालो माँ,
हे जगत जननी मेरे दुःख मिटा दो माँ,
माँ की ममता कैसे पाऊं तुम बता दो माँ....

मैं भी अपने मन की सारी बाते तुमको बताऊँ,
माँ तुम्हरे हाथो से खाऊँ और तुमको खिलाऊँ,
अपने दिल में इस बेटे को भी बसालो माँ,
हे जगत जननी मेरे दुःख मिटा दो माँ,
माँ की ममता कैसे पाऊं तुम बता दो माँ....

मैं ना जानूं कब पाऊँगा प्यार तुम्हारा दाती,
चरणों की सेवा करलूँ मैं मैया दिन और राती,
भूल हुई जो मुझसे मैया उसे भुला दो माँ,
हे जगत जननी मेरे दुःख मिटा दो माँ,
माँ की ममता कैसे पाऊं तुम बता दो माँ....
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