तुम्हारा ब्रज में फिर अवतार हो जाए

जो करुणाकर तुम्हारा ब्रज में फिर अवतार हो जाए,
तो भक्तों का चमन उजड़ा हुआ गुलज़ार हो जाए,
जो करुणाकर तुम्हारा ब्रज में फिर अवतार हो जाए॥

लुटाकर दिल जो बैठे हैं वो रो रोकर ये कहते हैं,
किसी सूरत से सुन्दर श्याम का दीदार हो जाए,
जो करुणाकर तुम्हारा ब्रज में फिर अवतार हो जाए॥

बजा दो रसमयी अनुराग की वो बांसुरी अपनी,  
के जिसकी तान का हर तन मैं पैदाकर हो जाए,
जो करुणाकर तुम्हारा ब्रज में फिर अवतार हो जाए॥
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