शिवरात्री की महिमा अपार

शिवरात्री की महिमा अपार,
पूजा शिव की करो,
तीनो लोक ही जिसको पूजे,
सच्चे मन से मिलके सारे,
शिव का जाप करो,
शिव का जाप करो,
शिवरात्री की महीमा अपार
पूजा शिव की करो॥

शिव भक्ति से भाग्य का द्वारा,
पल में है खुल जाता,
जन्म जन्म के पाप है धुलते,
जो माँगो मिल जाता,
घट घट की शिव जाने रे,
मुख से कहो ना कहो,
तीनो लोक ही जिसको पूजे,
सच्चे मन से मिलके सारे,
शिव का जाप करो,
शिव का जाप करो,
शिवरात्री की महीमा अपार
पूजा शिव की करो॥

सुखदाता शिव संकट हरता,
शिव भोले भंडारी,
दीनदयाल वो करुणा सागर,
सुनते सदा हमारी,
शिव को बस वो ही पाएँगे,
शिव को ध्याएँगे जो,
तीनो लोक ही जिसको पूजे,
सच्चे मन से मिलके सारे,
शिव का जाप करो,
शिव का जाप करो,
शिवरात्री की महीमा अपार
पूजा शिव की करो॥

शिवरात्री की महिमा अपार,
पूजा शिव की करो,
तीनो लोक ही जिसको पूजे,
सच्चे मन से मिलके सारे,
शिव का जाप करो,
शिव का जाप करो,
शिवरात्री की महीमा अपार
पूजा शिव की करो........
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