वन वन फिरत अकेले राम

वन वन फिरत अकेले राम अपना नहीं कोई...-4

सास के जाए जेठ मेरे होते...-2
लाज घुंघट कर लेती राम अपना नाहै कोई,
वन वन फिरत अकेले राम अपना नहीं कोई...

सास के जाए देवर मेरे होते...-2
मन की बदला लेती राम अपना नाहै कोई,
वन वन फिरत अकेले राम अपना नहीं कोई...

सास की जाई ननद मेरे होती...-2
झुकके पैर पढ़ लेती राम अपनों नाहै कोई,
वन वन फिरत अकेले राम अपना नहीं कोई...

मां के जाए बिरन मेरे होते...-2
माथे तिलक कर देती राम अपना नाहै कोई,
वन वन फिरत अकेले राम अपना नहीं कोई...

कोख के जाए लाल मेरे होते...-2
लाड प्यार कर लेती राम अपना नाहै कोई,
वन वन फिरत अकेले राम अपना नहीं कोई...
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