कन्हैया तेरी जीभ चटोरी रे

कन्हैया तेरी जीभ चटोरी रे,श्याम तेरी जीभ चटोरी रे
कोई यसोदा को जायो चोर या घर घर चर्चा हो रही रे
कन्हैया तेरी जीभ चटोरी रे......

पड़ी खोडली बान तने,लाल तेरो  मन  वस् में कोणी,
दही माखन को चोर भलो यो चस्को चोखो कोणी,
करे तू बात ठगोरी रे
कन्हैया तेरी जीभ चटोरी रे......

लगया आंगणा ठाठ मेरे घर दूध दही ताजा,
तू माखन मिश्री कारन ,लाल मेरे घर पर आजा,
मेरी बदनामी हो रही हे
कन्हैया तेरी जीभ चटोरी रे......

ब्रिज की गौरी,गाई गोपिया बाबो वरन को गौर
गौरी ही  नंदरानी जाकें,जायो कालीयो चोर
कहे सब छोरा छोरी रे
कन्हैया तेरी जीभ चटोरी रे......

भय से कांप रह्या भय  हरता नयन रहे झड़ी लाई,
त्रिलोकचंद कहे पकड़ लाल को मात रही धमकाए
हाथ में ली लाठी रे
कन्हैया तेरी जीभ चटोरी रे......
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