जगदंबा के दीवानों को दर्शन चाहिए

जगदंबा के दीवानों को दर्शन चाहिए,
हमें मां तेरी एक झलक चाहिए, झलक चाहिए॥

दया और ममता की मूरत है तू, हां मूरत है तू,
तुझे क्या पता कितनी सुंदर है तू, कितनी सुंदर है तू,
दुआओं के जैसा है मन मां तेरा,
हमें मां तेरे जैसा मन चाहिए, हां मन चाहिए,
जगदंबा के दीवानों को.....

तेरा रूप सबसे सुहाना लगे सुहाना लगे,
बिना भक्ति के जी कहीं ना लगे कहीं ना लगे,
मां भक्ति में तेरे हम डूबे रहें,
हमें मां तुमसे ऐसा बर चाहिए हां वर चाहिए,
जगदंबा के दीवानों को....

कई देत्त तुमने पछाड़े हैं मां पछाड़े हैं मां,
तेरा शेर रण में दहाड़े है मां दहाड़े है मां,
तू काली नवदुर्गा टू ज्वाला है मां,
हमें मार तेरी ही शरण चाहिए शरण चाहिए,
जगदंबा के दीवानों को....

तू पर्वत तू नदिया तू धरती है मां तू धरती है मां,
तू पाताल अंबर सितारों में मां सितारों में मां,
तेरी इन भुजाओं में शक्ति है मां,
हमें इन भुजाओं का बल चाहिए,
जगदंबा के दीवानों को....
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