जिथे सत्संग लगदे

सोहने लगदे ने महल चबारे जिथे सत्संग लगदे

सत्संग दे विच हिरे मोती
विच गुरा दी जग रही ज्योती
आओ रल मिल दर्शन करिये जिथे सत्संग लगदे
सोहने लगदे.....

सत्संग दे विच अमृत बरसे
अमृत बरसे जी अमृत बरसे
आओ रल मिल पी लाइए सारे जिथे सत्संग लगदे
सोहने लगदे.....
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