प्रभु राम का सुमिरन कर

प्रभु राम का सुमिरन कर,
हर दुख मिट जाएगा,
यही राम नाम तुझको,
भव पार लगाएगा,
प्रभु राम का सुमिरन कर,
हर दुख मिट जायेगा।

मिथ्या जग में कबसे,
तू पगले रहा है डोल,
तू इनकी शरण आकर,
हाथों को जोड़ के बोल,
ये दास तुम्हारा अब,
कहीं और ना जाएगा,
यही राम नाम तुझको,
भव पार लगायेगा,
प्रभु राम का सुमिरन कर,
हर दुख मिट जायेगा।

कैसा भी समय आए,
कैसी भी घड़ी आए,
सच्चे ह्रदय से जो,
सुमिरन इनका गाए,
हर विपदा में उसका,
ये साथ निभाएगा,
यही राम नाम तुझको,
भव पार लगायेगा,
प्रभु राम का सुमिरन कर,
हर दुख मिट जायेगा।

कब जाने ढल जाए,
दो पल का है जीवन,
प्रभु राम के चरणों में,
कर दे तू कुछ अर्पण,
तेरे साथ में बस केवल,
यही नाम ही जाएगा,
यही राम नाम तुझको,
भव पार लगायेगा,
प्रभु राम का सुमिरन कर,
हर दुख मिट जायेगा।

प्रभु राम का सुमिरन कर,
हर दुख मिट जायेगा,
यही राम नाम तुझको,
भव पार लगाएगा,
प्रभु राम का सुमिरन कर,
हर दुख मिट जायेगा।
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