स्वामी नारायण नारायण हरे हरे

( तीन लोक के स्वामी श्री हरी नारायण भगवान,
भक्ति भाव से सुमिरन कर लो,
भक्ति भाव से सुमिरन कर लो हरी जी करे कल्याण। )

नारायण...
स्वामी नारायण नारायण हरे हरे,
बोलो नारायण नारायण हरे हरे,
भजमन नारायण नारायण हरे हरे,
नारायण.....

प्रभु चर्तुभुजी नारायण हो,
श्री लक्ष्मीपती नारायण हो,
सागर में शेष की शैय्यापर,
श्री जगतपती नारायण हो,
नारायण,
प्रभु शंख चक्र गदाधारी,
श्री त्रिभुवनपती अन्तर्यामी,
देवाधिदेव श्री विष्णु हरी,
श्री सत्य नारायण स्वामी हरी,
स्वामी नारायण नारायण हरे हरे,
भजमन नारायण नारायण हरे हरे,
बोलो नारायण नारायण हरे हरे...

हयग्रीव चुराया वेदों को,
सागर में उसने छुपा दिया,
प्रभु मछ्ली का अवतार लिए,
फिर देवो का उद्धार कियामत्स्य नारायण,
अमृत के लिए सब देव असुर,
सागर का मंथन है करते,
हिलते पर्वत को पीठ धरे,
श्री हरी कश्छप अवतार लिए,
कश्छप नारायण,
भजमन नारायण नारायण हरे हरे,
बोलो नारायण नारायण हरे हरे,
स्वामी नारायण नारायण हरे हरे...

एक राक्षस था वो हिरण्याक्ष,
पृथ्वी को जल में छुपा दिया,
अवतार लिए वाराह का हरी,
उसे वध कर पृथ्वी छुड़ा दिया,
वाराह नारायण,
प्रहलाद भक्त नारायण का,
था पिता हिरण्यकश्यप द्रोही,
प्रभु खम्बा फाड़ नरसिंह बने,
संहारे दानव विद्रोही,
नरसिंह नारायण नरसिंह नारायण,
भजमन नारायण नारायण हरे हरे,
स्वामी नारायण नारायण हरे हरे,
बोलो नारायण नारायण हरे हरे...

इन्द्रासन को पाने के लिए,
बलि राजा दान यज्ञ करते,
हरी वामन रूप में मांगे दान,
ब्रह्मांड तीन पग नाप लिए,
वामन नारायण वामन नारायण,
दुष्टों को दंडित करने को,
भूभार हरण करने के लिए,
सृष्टि को बचाने के ही लिए,
भगवान परशुराम है प्रगटे,
परशु नारायण,
भजमन नारायण नारायण हरे हरे,
स्वामी नारायण नारायण हरे हरे,
बोलो नारायण नारायण हरे हरे,
भजमन नारायण नारायण हरे हरे....

अभिमानी और अत्याचारी,
पापी रावण के घृणित काम,
उसके संहार हेतु प्रगटे,
दशरथ नंदन भगवान राम,
राम नारायण,
वो कंस था मथुरा का राजा,
वह दुष्ट पापी अत्याचारी,
हरी उसके संहार हेतु जन्मे,
प्रभु कृष्ण गोवर्धन गिरधारी,
कृष्ण नारायण,
बोलो नारायण नारायण हरे हरे,
स्वामी नारायण नारायण हरे हरे,
भजमन नारायण नारायण हरे हरे.....
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