मैया की किरपा जिस पर भी रहती है

मईया की किरपा जिस पर भी रहती है,
उसके घर में सुख की गंगा बहती है......

प्यार का, सागर है ये, ममता की मूरत है,
साथ है मईया तो फिर, किसकी जरुरत है,
मूरत माँ की जिसके दिल में होती है,
उसके घर में सुख की गंगा बहती है,
मईया की किरपा.....

प्रेम से जिसने भी मईया को पुकारा है,
माँ ने आ करके दिया उसको सहारा है,
हाथ अगर ये थाम किसी का लेती है,
उसके घर में सुख की गंगा बहती है,
मईया की किरपा.....

मईया के चरणो में तीर्थ धाम है सारे,
है यहीं पर स्वर्ग आकर देख ले प्यारे,
शरण में अपने जिसको माँ ले लेती है,
उसके घर में सुख की गंगा बहती है,
मईया की किरपा.....

वो है बड़भागी जिसे मईया ने अपनाया,
है मेरे सर पर भी उसके प्यार का साया,
भक्त जनों की चिंता मईया करती है,
उसके घर में सुख की गंगा बहती है,
मईया की किरपा.....
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