गोवर्धन परिक्रमा लगाई मैंने रात

मेरा तनक पकड़ ले हाथ हो हाथ,
सिडीन पै चढ़ाए ले बनवारी....-4

मेरे पैरो में छाले पड़े हुए,
परिक्रमा लगाई मैंने रात हो रात,
सिडीन पै चढ़ाए ले बनवारी,
मेरा तनक पकड़ ले हाथ हो हाथ,
सिडीन पै चढ़ाए ले बनवारी॥

मेरे हाथ ब्रिज के थके हुए,
मैंने दान की सारी रात हो रात,
सिडीन पै चढ़ाए ले बनवारी,
मेरा तनक पकड़ ले हाथ हो हाथ,
सिडीन पै चढ़ाए ले बनवारी॥

मेरी जीभ ब्रिज की थकी हुई,
मैंने भजन सुनाए सारी रात हो रात,
सिडीन पै चढ़ाए ले बनवारी,
मेरा तनक पकड़ ले हाथ हो हाथ,
सिडीन पै चढ़ाए ले बनवारी॥

मेरे कान ब्रिज के थके हुए,
मैंने भजन सुने सारी रात हो रात,
सिडीन पै चढ़ाए ले बनवारी,
मेरा तनक पकड़ ले हाथ हो हाथ,
सिडीन पै चढ़ाए ले बनवारी॥

मेरे नैन ब्रिज के थके हुए,
मैंने दर्श किये सारी रात हो रात,
सिडीन पै चढ़ाए ले बनवारी,
मेरा तनक पकड़ ले हाथ हो हाथ,
सिडीन पै चढ़ाए ले बनवारी॥
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