पैदल पैदल बाबा मैं तो थां सूं मिलवा

पैदल पैदल बाबा मैं तो,
थां सूं मिलवा आया,
क्यू म्हारा सांवरिया,
दर पे दरवाजा लगवाया,
मैं तो दर्शन करवा आया,
म्हाने मत कर तू अपसेट,
खोलो मिन्दरिये रा गेट,
म्हारा रुणिचे रा सेठ।।

थे जाणो हो बाबा अबके,
भीड़ पड़ी है भारी,
कोरोना रागस रे कारण,
दुनिया ही दुखियारी,
अब तो किरपा कर दे बाबा,
सगला दुखड़ा मेट,
खोलो मिन्दरिये रा गेट,
म्हारा रुणिचे रा सेठ।।

पैला भादरवा में,
मार्ग-मार्ग धूम मचाता,
कोई पैदल आता,
कोई गाड़ी ऊपर आता,
करता सगले साल जातरू,
भादरवा रो वैट,
खोलो मिन्दरिये रा गेट,
म्हारा रुणिचे रा सेठ।।

थें लीले चढ़ आता,
बाबा मैं गाड़ी चढ़ आ तो,
थें सपने में हेलो देता,
मैं रुणिचे आ तो,
थारे म्हारे बीच बापजी,
लाग्या बेरीकेट,
खोलो मिन्दरिये रा गेट,
म्हारा रुणिचे रा सेठ।।

हाथ जोड़ फरियाद बापजी,
प्रकाश परिहार गावे,
दरशण री कर आस,
पीरजी दर पर धोक लगावे,
शरण शिवा कविराय बापजी,
सगला दुखड़ा मेट,
खोलो मिन्दरिये रा गेट,
म्हारा रुणिचे रा सेठ।।

पैदल पैदल बाबा मैं तो,
थां सूं मिलवा आया,
क्यू म्हारा सांवरिया,
दर पे दरवाजा लगवाया,
मैं तो दरशण करवा आया,
म्हाने मत कर तू अपसेट,
खोलो मिन्दरिये रा गेट,
म्हारा रुणिचे रा सेठ।।
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