दीवाने है जो उस प्रभु के

तर्ज – दीवानो से ये मत पूछो

दीवाने है जो उस प्रभु के,
उनको दुनिया से काम नहीं,
काम नहीं काम नहीं,
मन रहता है प्रभु चिंतन में,
पल भर करता आराम नहीं,
दीवाने है जो उस प्रभु के।।

वे जग चिंता से मुक्त रहे,
और मगन रहे हरी सुमिरन में,
जगदीश हरे जगदीश हरे,
रसना पे दूजा नाम नहीं,
दीवाने है जो उस प्रभु के......

जिसको पी और नहीं पीते,
जिसका ना कभी ढलता है नशा,
उस राम नाम की मदिरा के,
तुम क्यों पीते हो जाम नहीं,
जाम नहीं जाम नहीं,
दीवाने है जो उस प्रभु के......

वे नर ही नहीं नर अधम कहो,
और वो पशुओ से भी बत्तर है,
उनका जीना क्या जीना है,
जिनके व्यवहार में राम नहीं,
दीवाने है जो उस प्रभु के,
उनको दुनिया से काम नहीं,
काम नहीं काम नहीं,
मन रहता है प्रभु चिंतन में,
पल भर करता आराम नहीं,
दीवाने है जो उस प्रभु के।
श्रेणी
download bhajan lyrics (327 downloads)