ये मोहन हैं तभी तो मुस्करा कर लूट लेते हैं

ये मोहन हैं तभी तो मुस्करा कर लूट लेते हैं,
ये टेढ़ी टेढ़ी चितवन में फंसा कर लूट लेते हैं॥

ये अपने चाहने वालों को यूं पामाल करते हैं,
कभी मजबूर करते हैं कभी कंगाल करते हैं,
ना पूछो अपने भक्तों का ये क्या क्या हाल करते हैं,
और तब कही नाम की दौलत से मालामाल करते हैं,
जो खुश हो जाएं तो फिर मुस्करा कर लूट लेते हैं.......

किसी को श्याम न मुरली सुनाके लूट लिया,
किसी को श्याम ने जलवा दिखाके लूट लिया,
वो दिल पर जिगर पर निगाहों से वार करते हैं,
और ये इक तीर से दो दो शिकार करते हैं,
अदाऐं नाज से पागल बना कर लूट लेते हैं........

इनकी बांकी छवि का कोई जवाब नहीं,
पर इनकी दीद हर इक को दस्तेयाब नहीं,
वो घर लुटा जिस घर के ये महमान हुए,
और उसी को लूट लिया जिसपे मेहरबान हुए,
निगाहों से निगाहों को मिलाके लूट लेते हैं.......

मेरी मानो तो इनसे दिल लगाके देखलो यारो,
और तकदीर तेज है तो अजमाकर देख लो यारो,
कन्हैया को दिल में बसा के देखलो यारो,
कलेजे पर नजर का तीर खाकर देखलो यारो,
जो दिल इनको पसंद आए वही दिल लूट लेते हैं.......
ये मोहन हैं तभी तो मुस्करा कर लूट लेते हैं,
ये टेढ़ी टेढ़ी चितवन में फंसा कर लूट लेते हैं......
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