उड़ चले रे हनुमान

उड़ चले रे हनुमान,
लिया हनुमान जी का नाम,
करके राम को प्रणाम,
करने राम जी का काम,
पार सागर को क्षण में किया है,
जय हो जय हो जय हो जय श्री राम,
श्री राम का सन्देश,
सीता माँ को दिया है॥

जय हो जय हो जय हो जय श्री राम....

कूदे जो लंका के अंदर,
द्वार खड़ी थी लंकिनी,
मारा मुक्का एक घुमाके,
स्वर्ग सिधारी डंकिनी,
सभी राक्षश घबराए,
गदा हनुमत घुमाए,
बोले जय जय श्री राम,
नारा जोर से लगाए,
काम रघुवर का,
हनुमत किया है,
जय हो जय हो जय हो जय श्री राम,
श्री राम का सन्देश,
सीता माँ को दिया है॥

जय हो जय हो जय हो जय श्री राम.....

सीता माँ को मुंदरी डाली,
दी निशानी राम की,
सीता माँ ने दे दिया चूड़ा,
खुश हुई माँ जानकी,
फल चुन चुन कर खाये,
बाग़ सारा उजाड़े,
जम्बू माली को मारे,
पेड़ जड़ से उखाड़े,
जीना दुष्टों का,
मुश्किल किया है,
जय हो जय हो जय हो जय श्री राम,
श्री  राम का सन्देश,
सीता माँ को दिया है॥

जय हो जय हो जय हो जय श्री राम.....

हलचल मच गई लंका अंदर,
कांप गया है दसकंदर,
पूँछ की इसकी आग लगा दो,
बच ना पाए ये बन्दर,
दूत लंका को आये,
खबर सीता की लाये,
शुभ समाचार आके श्री राम को सुनाये,
राम चरणों में वंदन किया है,
जय हो जय हो जय हो जय श्री राम,
श्री  राम का सन्देश,
सीता माँ को दिया है॥
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