ज्योत जगे सारी रात

ज्योत जगे सारी रात, मईया के जगराते में ll
^ढोलक छैनों की झंकार, गूँजे भक्तों की जयकार l
बरसे, मेहरों की बरसात, मईया के जगराते में l
ज्योत जगे सारी रात, मईया के जगराते में l

जगमग जागे ज्योत, ज्योत देवों ने मानी,
गाए वेद पुराण, महिमा संतों ने वखाणी ll
^चमके सूरज चाँद सितारे, पावन ज्योति के ही सहारे l
देखो, ज्योत की करामात, मईया के जगराते में l
ज्योत जगे सारी रात, मईया के जगराते में l

ज्योत की शक्ति देख, झुके आकरअभिमानी,
हुआ था मंडप चूर, अभी भी है छत्तर निशानी ll
^माँ की ज्योति के गुण गाएं, ध्यानु भक्त अमर कहलाएँ l
अब, बदलेंगे हालात, मईया के जगराते में l
ज्योत जगे सारी रात, मईया के जगराते में l

ज्योति रूप ज्वाला, करे सब की सुनवाई,
बाँटे दया का खज़ाना, जग जननी महाँमाई ll
^कोई बड़ा न कोई छोटा, देखे सरल ख़रा न खोटा l
मिले, मुँह माँगी सौगात, मईया के जगराते में l
ज्योत जगे सारी रात, मईया के जगराते में l
जगराते में ज्योत जगे, मईया जी की ज्योत जगे llll

अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल
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