आ जाओ मेरे घर जगदंबा

चॉक पूरौऊ घर कलश धराउ,
और दीप जलाओ मेरी सुन अंबा,
आ जाओ मेरे घर जगदंबा,
चॉक पूरौऊ घर कलश धराउ,
और दीप जलाओ मेरी सुन अंबा,
आ जाओ मेरे घर जगदंबा,

सबरी के बेर सुदामा के चावल, सात विदुर घर खाया है,
होते है भगवान उसी के जिसने प्रेम लूटाया है, जिसने प्रेम लूटाया है,
उसी के बसे अपने घर मेी, उसी के बसे अपने घर मेी,
तुझा बुलाए मेरी सुन अंबा,
आ जाओ मेरे घर जगदंबा,

शचे मान से जब धनु ने मा को मैया कहके पुकारा है,
जीवन दिया और तूने उसका भाग्या सावरा है, उसका भाग्या सावरा है,
मेरे भी मा भाग्या सवारो, मेरे भी मा भाग्या सवारो,
तुझे बुलाए मेरी सुन अंबा,
आ जाओ मेरे घर जगदंबा,

जोड़ जोड़ कर तिनका टीका झोपड़ी एक बनाई है, झोपड़ी एक बनाई है,
मैया तेरी दीवानी मेी चोवकी तेरी सजाई है, चोवकी तेरी सजाई है,
रूखा सूखा जॉब ही पास मेी, रूखा सूखा जॉब ही पास मेी,
तुझे खिलौ मेरी सुन्न अंबा,
आ जाओ मेरे घर जगदंबा,

टेआरस रही हू दर्शन को मा, बोलो कब तुम आओगी, बोलो कब तुम आओगी,
सबरी का प्रेम धनु की भक्ति एस कुटिया मेी पावगी, एस कुटिया मेी पावगी,
रोम रोम मेी बसी हो मा तुम, रोम रोम मेी बसी हो मा तुम,
तुम्हे शीश नवाउ मेरी सुन्न अंबा,
आ जाओ मेरे घर जगदंबा,
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