पाया है पहली बार

पाया है पहली बार,
जिसने भी मोहन का प्यार,
छोड़ा नहीं वो कभी,
मुरली मनोहर का द्वार,
श्री श्याम से मिलने को,
रहते है बेकरार,
खाटू नगर जाके ही,
मिलता है मन को करार,
पाया हैं पहली बार,
जिसने भी मोहन का प्यार,
छोड़ा नहीं वो कभी,
मुरली मनोहर का द्वार।।


बिगड़ी बना दे,
सभी संकट मिटा दे,
उन्हें जो कोई जाके,
अपनी विनती सुना दे,
वो बड़े नामवर है,
उनकी सब पे नजर है,
जो चाहे मांग लो,
देते सब मुरलीधर है,
जो चाहे वो मांग लो,
देते सब मुरलीधर है,
पाया हैं पहली बार,
जिसने भी मोहन का प्यार,
छोड़ा नहीं वो कभी,
मुरली मनोहर का द्वार।।


भक्तो की टोली,
खेले हिल मिल के होली,
सभी रंग और गुलाल से,
अपनी भर भर के झोली,
सबके मन में उमंग है,
नाचते लेके चंग है,
श्याम जी को रिझाते,
बजाके ढोल और मृदंग है,
श्याम जी को रिझाते,
बजाके ढोल और मृदंग है,
पाया हैं पहली बार,
जिसने भी मोहन का प्यार,
छोड़ा नहीं वो कभी,
मुरली मनोहर का द्वार।।


चल चल तू भी ‘शर्मा’,
दर्शन उनका पा ले,
चलके जीवन को अपने,
अब सफल तू बना ले,
है यहाँ लीले धारी,
कृष्ण मोहन मुरारी,
जो भी मांगो मिलेगा,
जो है इच्छा तुम्हारी,
जो भी मांगो मिलेगा,
जो है इच्छा तुम्हारी,
पाया हैं पहली बार,
जिसने भी मोहन का प्यार,
छोड़ा नहीं वो कभी,
मुरली मनोहर का द्वार।।

श्री श्याम से मिलने को,
रहते है बेकरार,
खाटू नगर जाके ही,
मिलता है मन को करार,
पाया हैं पहली बार,
जिसने भी मोहन का प्यार,
छोड़ा नहीं वो कभी,
मुरली मनोहर का द्वार।।

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