दर्शन दो घनश्याम

दास तुम्हारा तरस रहा है,
दर्शन दो अब शाम,
तुम सब जानते हाल मेरा,
दर्शन दो घनश्याम,
दास तुम्हारा तरस रहा।


जब जब चांदन ग्यारस आती,
यादें तुम्हारी दिल तड़पाती,
तेरे दर्शन की चाहत में,
सेवक तड़पे दिन और राती
बाँट निहारु मैं तो तेरी,
लीले के असवार......


रिश्ता ये जोड़ा जन्मो का तुमसे,
फिर इतना क्यों बिसराते हो,
भूल हुई क्या ओ खाटूवाले,
दर्शन को क्यों तरसाते हो,
अर्ज़ी मेरी सुनलो अब तो,
हारे के बाबा श्याम....


मेरे मन की पीड़ा को बाबा,
तुम ही तो बस जानते हो,
तेरे नवीन को आस तुम्हारी,
मुझको क्यों नहीं अपनाते हो
जीवन अनीश का तेरे हवाले,
बाबा लखदातार।

दास तुम्हारा तरस रहा,
है दर्शन दो अब शाम,
तुम सब जानते हाल मेरा,
दर्शन दो घनश्याम,
दास तुम्हारा तरस रहा।
download bhajan lyrics (370 downloads)