हर भज हर भज

हर भज हर भज हीरा परख ले,
समझ पकड़ नर मजबूती ।
अष्ट कमल पर खेलो मेरे दाता,
और बारता हैं झूठी।


इन्द्र घटा से सतगुरु आया,
आँवत ल्याया रंग बूँटी ।
तरवेणीयाँ के रंग महल में
साधु जन लाला हद लूटी।
हर भज हर भज हीरा परख ले...

इन काया में पाँच चोर है,
जिनकी पकड़ो सिर चोटी,
पाँचवाँ ने मार पच्चीसाँ ने बसकर,
जद जानु तेरी रजपूती।
हर भज हर भज हीरा परख ले....

सत सुमरण का सैल बणाले,
ढाल बणाले धीरज की,
काम क्रोध ने मार हटा दे,
जद जानु तेरी बुध मोटी।
हर भज हर भज हीरा परख ले....

रिमझिम रिमझिम बाजा बाजै,
झिलमिल झिलमिल वहाँ ज्योति,
ओंकार के रणोकार में,
हँसला चुग गया निज मोती।
हर भज हर भज हीरा परख ले...

पक्की घड़ी का तोल बणाले,
काण ने राखो एक रती,
शरण मच्छेन्द्र जति गोरक्ष बोल्या,
अलख लख्या सो खरा जती।
हर भज हर भज हीरा परख ले....
श्रेणी
download bhajan lyrics (416 downloads)