मुश्किल हुआ रे मेरा पनघट पे आना

मुश्किल हुआ रे मेरा पनघट पे आना,
मुश्किल हुआ रे मेरा पनघट पे आना,
जाऊँ जिस गली में मोहे,
मिल जाए कान्हा,
मुश्किल हुआ रे मेरा पनघट पे आना।।

बोली कन्हैया जरा मटकी उठा दे,
धीरे से बोले गौरी मुखड़ा दिखा दे -2
दईया री दईया उनका ऐसा बतियाना,
मुश्किल हुआ रे पनघट पे जाना,
जाऊँ जिस गली में मोहे......

मुख से उठाया मेरा घूँघट मुरारी,
छोड़ आई गगरी मैं तो लाज के मारी -2
छेड़े है सहेली मोहे मारे है ताना,
मुश्किल हुआ रे पनघट पे जाना,
जाऊँ जिस गली में मोहे.....

मैया यशोदा तेरा लाल है अनाड़ी,
फोड़ दई चुनर मेरी फाड़ दई साड़ी -2
लड़ेगी जेठानी मोहे मारेगी ताना,
मुश्किल हुआ रे पनघट पे जाना,
जाऊँ जिस गली में मोहे.....


मटकी फोड़े कान्हा माखन भी खाए,
बंसी की धुन पे सारे ब्रज को रिझाए,
दिल है बिहारी मेरे श्याम का दीवाना,
मुश्किल हुआ रे पनघट पे जाना,
जाऊँ जिस गली में मोहे,
मिल जाए कान्हा,
मुश्किल हुआ रे मेरा पनघट पे आना।।


श्रेणी
download bhajan lyrics (414 downloads)