मोहन बस गयो मेरे मन में

मोहन बस गयो मेरे मन में,
लोक लाज कुलखानी छुट गई,
बंकि में है लगन में,

जित देखो तित ही वे दिखे,
घर बाहर आंगन में,
मोहन बस गयो मेरे................

अंग अंग प्रति रोम रोम में,
छठा रही तन मन में,
मोहन बस गयो मेरे........

कुंडल झलक कमोलक सोह्ये
भजु बंद भुजन में,
मोहन बस गयो मेरे....

कनक कलिक ललित वन माला,
नुपुर धनि चरनन में,
मोहन बस गयो मेरे......

चपल नैनयन ब्रिकुती वरबंकि
थारो सबन रतन में,
मोहन बस गयो मेरे......

नारायण बिन मोल बिकी मैं,
बांकी नेक हसन में,
मोहन बस गयो मेरे......
download bhajan lyrics (934 downloads)