पंछीड़ा लाल आछी पढ़ियो रे उलटी पाटी

पंछीड़ा लाल आछी पढ़ियो रे उलटी पाटी,
ईश्वर ने तू भूल गयो रै लख चौरासी काटी,
पंछीड़ा लाल आछी पढ़ियो रे उलटी पाटी,

गर्भवास में दुःख पायो थारे घणां दीना री घाटी,
बाहर आय राम ने भूल्यों उल्टी पढ़ ली पाटी,
पंछीड़ा लाल आछी पढ़ियो रे उलटी पाटी,

जीव जन्तु ने खाय खाय ने बदन बणायो बाटी,
अपने स्वारथ कारणे ने लाखा री गर्दन काटी,
पंछीड़ा लाल आछी पढ़ियो रे उलटी पाटी,

माखन बेच्यो दहिड़ो बेच्यो बेचीं छाछ री छांटी,
माया ने ले घर में बूरी ऊपर लगा दी टाटी,
पंछीड़ा लाल आछी पढ़ियो रे उलटी पाटी,

आया गया थारा मेहमाना ने घाले चूरमो बाटी,
भूखा प्यासा साधुड़ा ने घाले राबड़ी खाटी,
पंछीड़ा लाल आछी पढ़ियो रे उलटी पाटी,

कहत गुलाब सुणो रे भाई संतो लख चौरासी काटी,
आखिर थाने जाणों पड़सी जम रा ज्यारी घाटी,
पंछीड़ा लाल आछी पढ़ियो रे उलटी पाटी।
दमडो रा लोभी आछी पढ़ियो रे उलटी पाटी।
पंछीड़ा लाल आछी पढ़ियो रे उलटी पाटी,
ईश्वर ने तू भूल गयो रै लख चौरासी काटी,
पंछीड़ा लाल आछी पढ़ियो रे उलटी पाटी
श्रेणी
download bhajan lyrics (392 downloads)