गुरूजी संग है हर ख़ुशी अपनी

अब तो गुरु जी संग है हर ख़ुशी अपनी
गुरु जी पे मरना है जिन्दगी अपनी
अब तो गुरु जी संग है हर ख़ुशी अपनी

आप के ज्ञान से गुरु जी सब पाप धुल गए
आये जब से आप जीवन में हम मस्त हो गये
तुझी से बाँधी है जीवन डोर अपनी
अब तो गुरु जी संग है हर ख़ुशी अपनी

जपता रहे दिल मेरा नाम आपका बार बार
सांझ सवेरे करता ये आप का दीदार
मन चाहे बात अब जितनी
अब तो गुरु जी संग है हर ख़ुशी अपनी

आप ने जो दिया है मुझको ख़ुशी का खजाना
उस के आगे अब लगता सब है बेगाना
प्रजा में रेहना है बंदगी अपनी
अब तो गुरु जी संग है हर ख़ुशी अपनी

आप से कहू क्या मैं गुरु जी क्या मैंने पा लिए
बोल सके न ये जुबान शुक्रिया कर दिया
चरणों में बीते साँसे हो जितनी
अब तो गुरु जी संग है हर ख़ुशी अपनी
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