श्री बद्रीनाथजी की आरती

पवन मंद सुगंध शीतल,
हेम मन्दिर शोभितम्।
निकट गंगा बहत निर्मल,
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥

शेष सुमिरन, करत निशदिन,
धरत ध्यान महेश्वरम्।
वेद ब्रह्मा करत स्तुति
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥

इन्द्र चन्द्र कुबेर दिनकर,
धूप दीप निवेदितम्।
सिद्ध मुनिजन करत जय जय
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥

शक्ति गौरी गणेश शारद,
नारद मुनि उच्चारणम्।
योग ध्यान अपार लीला
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥

यक्ष किन्नर करत कौतुक,
गान गंधर्व प्रकाशितम्।

लक्ष्मी देवी चंवर डोले
(श्री भूमि लक्ष्मी चँवर डोले)
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥

कैलाशमे एक देव निरंजन,
शैल शिखर महेश्वरम।
राजा युधिष्टिर करत स्तुती,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्॥

यह बद्रीनाथ पंच रत्न,
पठन पाप विनाशनम्।
नरनारायण तप निरत
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥
श्रेणी
download bhajan lyrics (955 downloads)