उठ नाम सिमर, मत सोए रहो

उठ नाम सिमर, मत सोए रहो,
मन अंत समय पछतायेगा

जब चिडियों ने चुग खेत लिया,
फिर हाथ कुछ ना आयेगा

उठ नाम सिमर, मत सोए रहो,
मन अंत समय पछतायेगा

हास विलास में बीती ये उमरिया,
बहुत गई, रही थोड़ी उमरिया

जल गया दीपक, बुझ गयी बाती,
कोई न राह दिखायेगा

उठ नाम सिमर, मत सोए रहो,
मन अंत समय पछतायेगा

पाप भोग से भरली गठरिया,
जाना रे तुझको और नगरिया

जैसा करेगा वैसा भरेगा,
कोई ना साथ निभाएगा

उठ नाम सिमर, मत सोए रहो,
मन अंत समय पछतायेगा

राम नाम धन भर लो खजाना,
रहना नहीं ये देश बेगाना

प्रभु के सेवक होकर रहिये,
प्रभु के चाकर होकर रहिये,
भाव सागर तर जायेगा

उठ नाम सिमर, मत सोए रहो,
मन अंत समय पछतायेगा

उठ नाम सिमर, मत सोए रहो,
मन अंत समय पछतायेगा

जब चिडियों ने चुग खेत लिया,
फिर हाथ कुछ ना आयेगा

उठ नाम सिमर, मत सोए रहो,
मन अंत समय पछतायेगा
श्रेणी
download bhajan lyrics (942 downloads)