चिंताए हर के बाबा कष्टों का करते है निधान

शीश के दानी श्याम सांवरिया का जो लेता नाम,
चिंताए हर के बाबा कष्टों का करते है निधान

आये जो भी खाटू मंदिर हाथो में लेके निशान
चिंताए हरते बाबा कष्टों का करते है निधान

मिश्री किशमिश खीर और चूरमा भोग लगा के बाबा को
स्वर्ण मुक्ट और गल फूलो की माला पहना के बाबा को
श्याम धनि को जो भी रिजाये हो उसका कल्याण
चिंताए हरते बाबा कष्टों का करते है निधान

जो फागन में लेने होली खेलन जाते खाटू धाम
अपनी करुना के रंगों से सब को भीगोते मेरे श्याम
लगते है निष् दिन जयकारे याहा देखो सुबह शाम
चिंताए हरते बाबा कष्टों का करते है निधान

आये जो भी खाटू मंदिर हाथो में लेके निशान
चिंताए हरते बाबा कष्टों का करते है निधान
download bhajan lyrics (393 downloads)