सरवरीया री तीर खड़ी

सरवरीया री तीर खड़ी,आ नानी नीर बहावे है
जामण जाए वीर बिना कुण,भात भरण न आवे है

एक दिन मारो भोलो बाबुल,अरबपति कहलायो थो
धन दौलत और माल खजाना,गाडो भर भर लायो थो
ऊंचा ऊंचा महल मालिया,नगर सेठ कहलायो थो
अण गिनती रा नौकर चाकर,याद मने सब आवे है
सरवरीया री तीर खड़ी,आ नानी नीर बहावे है

लाड प्यार में पली लाडली,बड़ा घरा परणाई थी
दान डायजो हाथी घोड़ा,दास दासीया लाई थी
सोना चांदी हीरा मोती,गाडा भर भर लाई थी
बीती बाता आद करू जद,हिवड़ो भर भर आवे है
सरवरीया री तीर खड़ी,आ नानी नीर बहावे है

तेरे भरोसे सेठ सावंरा,भोलो बाबुल आयो है
गोपी चंदन और तुम्बड़ा,साधा ने संग लायो है
घर घर मांगत फिरे सूरिया,मारो मान घटायो है
देवरीयो माने ताना मारे ,नणंदल जीभ जलावे है
सरवरीया री तीर खड़ी,आ नानी नीर बहावे है

और संगा ने महेल मालिया,टुटी टपरी नरसी ने
ओर सगा ने साल दुसाला,फाटी गुदड़ी नरसी ने
ओर सगा ने लाडू पेड़ा,सुखी रोटी नरसी ने
डूब मरू पर घर नही जाऊ,बाबुल मने जलावे है
सरवरीया री तीर खड़ी,आ नानी नीर बहावे है

विपल होय जद नानी बाई,श्याम प्रभु ने ध्यायो है
राधा रूकमणि संग में लेकर ,सेठ सांवरो आयो है
भात भरणने धान डायजो,बालद भर भर लायो है
सावरी ने निरख नानी ,बाता हु बतलावे है
सरवरीया री तीर खड़ी,आ नानी नीर बहावे है
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