तन में कान्हा मन में कान्हा

तन में कान्हा मन में कान्हा मेरे अंग अंग में है कान्हा
दिल धडके मेरा जब लोग पुकारे कान्हा

मेरी छोटी सी कुटियाँ तुझसे है मेहल बनी
पाके तुझे ये भिखारिन मेहलो  की रानी बनी
साथ तेरा हाथ तेरा सिर पे सदा रखना कान्हा
कान्हा मेरे कान्हा

मेरे घर का सुखा सा भोजन तूने इतने प्रेम से खाया
बन गया वो भोग छपन हाथ जब तूने लगाया
किरपा तेरी बरसती रहे रहे मेरे ऐसे कर्म
कान्हा मेरे कान्हा
श्रेणी
download bhajan lyrics (473 downloads)