चारे पास सुख होण

चारे पासे सुख हौंन किसे नु ना दुःख हौंन॥
आवी बाबा नानका तू आवी बाबा नानका,
एहो जेहिया खुशिया लायावी बाबा नानका एहो जेहिया॥

जेहरे घर शाह हेनि ओस घरे रुख होजे,
जेहरे घर पुत्त हेनि ओस घर पुत्त होजे,
चारे पासे ठण्ड वरतइ बाबा नानका,
एहो जेहिया.......

सारी दुनिया दे विच कोई ना गरीब होवे,
एह्सा ना होवे कोई जेह्नु रोटी ना नसीब होवे॥
रुखी मिसी सब नु खान बाबा नानका
एहो जहिया....

लिरिक्स बी :- प्रिंस पंकज
9211191996,9910612590
download bhajan lyrics (1305 downloads)