सुनी सुनी आँखे भर कर मैया तुझको पुकारे

सुनी सुनी आँखे भर कर मैया तुझको पुकारे ,
ममता का कोई मोल नही रे जगत के पालनहारे

मेरे बंसी वाले कृष्ण कन्हाई ढूंढे तुझे ममता मेरी,
सुन विनती मेरी देती हु दुहाई ,
आखिर में मैं माँ हु तेरी ओ मेरे बंसी वाले

भरी माखन से भरी मटकियाँ किस को जाके खिलाऊ,
आँचल से झलके है ममता किसपे जाके लुटाये
दिल के टुकड़े सुन ले दिल में होती पीड गनेरी
मेरे बंसी वाले कृष्ण कन्हाई ढूंढे तुझे ममता मेरी,

सुना आँगन सुनी गलियां सुना तट नदियाँ का
सुख गया हर फूल और पता इस दिल की भगीया का
आस की डोरी टूट न जाए करते काहे द
मेरे बंसी वाले कृष्ण कन्हाई ढूंढे तुझे ममता मेरी,

कब से तेरी राह निहारु पथरा गई है अखियाँ
कब आओ गे पूछे सारे ग्वाल बाल और सखियाँ दीप ताज फिर मिल जाए गे
मिले गी न माँ तेरी
मेरे बंसी वाले कृष्ण कन्हाई ढूंढे तुझे ममता मेरी,
श्रेणी
download bhajan lyrics (503 downloads)