घर घर में माँ की ज्योत जगी आये माँ के नवराते

घर घर में माँ की ज्योत जगी आये माँ के नवराते
हो रहे माँ के जगराते असब भगत झूमते गाते
भगतो पर मेहर बरसा दे,
घर घर में माँ की ज्योत जगी आये माँ के नवराते

क्या खूब सजा मंदिर माँ का फूलो से इसे सजाया है
मंदिर के अन्दर बेठी माँ भगतो के मन को भाया है
माँ बेठी सिंह सवारी माँ लागे प्यारी प्यारी
सब जय जय कार लगाते सब मिल कर ताली भजाते आये माँ के नवराते
घर घर में माँ की ज्योत जगी आये माँ के नवराते

माँ लाल चुनरियाँ ओढे है क्या चम चम चमक रही
ये मुकट चमकता न्यारा है हाथो में मुंदरी दमक रही
शिंगार बड़ा हिया प्यारा इस ने मैया को सवारा,
सब मिल कर माँ को मनाते माँ को सभी रिजाते  आये माँ के नवराते
घर घर में माँ की ज्योत जगी आये माँ के नवराते

कही दुर्गा रूप कही काली रूप सब मिल कर माँ को पूज रहे
इन दशो दिशायो में देखो माँ के जय कारे गूंज रहे
माँ मंद मंद मुस्काये भगतो पे मेहर बरसाए
सब की झोली भर जाते जो माँ की ज्योत जलाते  आये माँ के नवराते
घर घर में माँ की ज्योत जगी आये माँ के नवराते

सची ज्योति सची माता याहा सच की होती सुनवाई
क्या कौन याहा है मांग राहा सब की जाने है महामाई
माँ भर देगी भंडारे कर देगी वारे न्यारे
चरणों में शीश जुका ते फिर माँ को भजन सुनाते
आये माँ के नवराते
घर घर में माँ की ज्योत जगी आये माँ के नवराते


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