शिव शिव शिव रट ले रे बंदे

श्लोक – विघ्न हरण गौरी के नंदन,
सुमिर सदा सुखदाई रे,
तुलसीदास जो गणपति सुमिरे,
कोटि विघ्न टल जाई रे।

दौड़ा जाए रे समय का घोड़ा,
शिव शिव शिव शिव रट ले रे बन्दे,
जीवन है ये थोड़ा,
दौड़ा जाये रे समय का घोड़ा।।

ना तेरा ना मेरा बाबु,
इस घोड़े पर प्रभु का काबू,
ना तेरा ना मेरा बाबु,
इस घोड़े पर प्रभु का काबू,
परम पिता ही इससे चलता,
परम पिता ही इससे चलता,
दिखा दिखा कर कौड़ा,
दौडा जाये रे समय का घोड़ा।।

पल पल बीत रही जिंदगानी,
कल की चिंता करले रे प्राणी,
पल पल बीत रही जिंदगानी,
कल की चिंता करले रे प्राणी,
ना जाने कब टूट पड़े है,
ना जाने कब टूट पड़े है,
माथे पर काल हथौड़ा,
दौडा जाये रे समाये का घोड़ा।।

दसो दिशाओ के दरवाजे,
कहते रोज बजाकर बाजे,
दसो दिशाओ के दरवाजे,
कहते रोज बजाकर बाजे,
बता ऐ दुनिया वाले तूने,
बता ऐ दुनिया वाले तूने,
कितना पुण्य है जोड़ा,
दौड़ा जाये रे समाये का घोड़ा।।

चल भई करले प्रभु की भक्ति,
भक्ति में है अद्भुत शक्ति,
चल भई करले प्रभु की भक्ति,
भक्ति में है अद्भुत शक्ति,
इस भक्ति ने है करोडो,
इस भक्ति ने है करोडो,
लोगो का पथ मोड़ा,
दौडा जाये रे समाये का घोड़ा।।

शिव शिव शिव शिव रट ले रे बन्दे,
जीवन है ये थोड़ा,
दौड़ा जाए रे समय का घोड़ा।।

श्रेणी
download bhajan lyrics (647 downloads)