मैं हार के दुनिया से तेरे द्वार पे आया हूँ

मैं हार के दुनिया से तेरे द्वार पे आया हूँ
हे श्याम मेरे श्याम रेहम करना गर्दिश का सताया हूँ
मैं हार के दुनिया से ..................

नहीं मोल चूका सकते तेरे उपकारों का
रहा सदा सहारा तू तकदीर  के मारों का
मुझ पर भी दया करना दुःख दर्द का साया हूँ
हे श्याम मेरे श्याम रेहम करना गर्दिश का सताया हूँ
मैं हार के दुनिया से ..................

डीनो की सदा तुमने बड़ी की रखवाली है
कभी दुःख की शूल चुभी तुमने ही निकाली है
मेरी भी खबर ले लो बड़ा मैं दुःख पाया हूँ
हे श्याम मेरे श्याम रेहम करना गर्दिश का सताया हूँ
मैं हार के दुनिया से ..................

हे श्याम धणी कैसे मैं पाऊं बोल तुझे
बाज़ार में मिलता तो ले लेता मोल तुझे
इस मिलान की चाहत ने बड़ा मैं तड़पाया हूँ
हे श्याम मेरे श्याम रेहम करना गर्दिश का सताया हूँ
मैं हार के दुनिया से ..................

कभी सुख के रंग भरे किस्मत की लकीरों में
कभी गजेसिंह जकड़ा दुःख की ज़ंजीरो में
हे श्याम ये खेल तेरा मैं समझ न पाया हूँ
हे श्याम मेरे श्याम रेहम करना गर्दिश का सताया हूँ
मैं हार के दुनिया से ..................
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