श्याम भरोसे नाव् मेरी

श्याम भरोसे नाव् मेरी ये पार लगती है,
ये माझी इस के हाथो पतवार रेहती है,

मुझे क्या फिकर होगी जो श्याम साथ है,
संवारा तो जाने मेरे मन की बात है,
घर आँगन में श्याम दया की गंगा बेहती है
ये माजी इस के हाथो पतवार रेहती है,
श्याम भरोसे नाव् मेरी

श्याम श्याम जपते जीवन सवर ने लगा,
मस्तियो के आलम में ही गुजरने लगा
प्यार जो बाबा से मिलता खुमारी चड ती है
ये माजी इस के हाथो पतवार रेहती है,
श्याम भरोसे नाव् मेरी

सुनो दुनिया वालो श्याम सचा है सखा,
हारे का सहाई जग में ऐसा न दिखा,
चोखानी जो शुकर मनाओ अगियाँ बेहती है,
ये माजी इस के हाथो पतवार रेहती है,
श्याम भरोसे नाव् मेरी
download bhajan lyrics (529 downloads)