हे मेरे श्याम लो खरब मोरी

हे मेरे श्याम लो खरब मोरी
शरण में मैं आज तुम्हारी हु
रेहम की भीख मुझे दे दाता मैं तेरे द्वार का भिखारी हु
हे मेरे श्याम लो खरब मोरी

तेरे दर से ना मन जुड़ा मेरा सदा माया में मन फसाया है
तेरा मुझ्रिम हु खता ये की है कभी भी याद तू ना आया है
कितने अपराध गिनाऊ दाता मैं गुनाहों की इक पिटारी हु
हे मेरे श्याम लो खरब मोरी

बन के हमदर्द बेकसों का सदा
तू ही बिगड़ी में काम आया है,
पूछते दर्द के आंसू उनके अपने दिल में उन्हें वसाया है
आज मुझ पे भी इनायत कर दे
तेरे चरणों का मैं पुजारी हु
हे मेरे श्याम लो खरब मोरी

सुनता आया हु श्याम मैं कब से
बेसारो का तू सहारा है,
आज मेरा भी नही कोई याहा नाथ यु आप को पुकारा हु
मैं भरोसे पे जी रहा तेरे तेरी दया का यु अधिकारी हु
हे मेरे श्याम लो खरब मोरी

तूने रहमत की रौशनी दी जिसे क्या अंधेरो का खोफ खाए वो,
कौन रोकेगा रास्ता उसका गर्दीशो को कुचलता जाए वो
अब घजे सिंह पर भी की है दया श्याम तेर बड़ा आभारी हु
हे मेरे श्याम लो खरब मोरी
श्रेणी
download bhajan lyrics (572 downloads)