शिव भोले और गिरधारी

प्यार से राम को जिसने भी पुकारा होगा,
डूबने वाले को मुरलीधर ने उबारा होगा,
जो भी सच्चा भगति करता है भगवान का दिल से
दौड़ दौड़ के भोले नाथ ने उबारा होगा,

शिव भोले और गिरधारी। दोनो हैं जग हितकारी,
अंतर क्या दोनो की प्रेम में बोलो,
एक दुख से छुड़ाते। एक पार लगते,

मोहन तो मधुबन में मिलते काशी में कैलाशी,
अधम उधारन कहलाते है वो घट घट के बासी,
एक पहने है पीताम्बर। एक ओढ़े है बाघम्बर,
अंतर क्या दोनो के प्रेम में बोलो एक जगत से तारे,
एक भव सिंधु तारे

द्रोपदी की सुन टेर कन्हैया। आकर चिर बढ़ाये,
कलबली का वध करने को शिव त्रिसूल उठाये,
एक चक्र सुदर्शन धारी। एक भोले हैं भंडारी,
अंतर क्या दोनो के प्रेम में बोलो,
जब भक्त बुलाते। दोनो दौड़े दौड़े आते,

प्रेम के भूखे हैं ए शर्मा। भोले और नटनागर,
भक्ति भाव से मिलते है। भक्तों को वो करुणाकर,
एक राधा के बनवारी। रक गौरा के त्रिपुरारी,
अंतर क्या दोनो के प्रेम में बोलो,
एक योगी महा ज्ञानी,एक औघड़ महा दानी,

H K PYASA
9831228059
8789219298
जय माता दी
श्रेणी
download bhajan lyrics (689 downloads)